चैत्र नवरात्र आज से आरंभ हो गया है। बता दें कि इस नवरात्रि मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही है। ऐसे में पंडितों का मानना है कि मां के घोड़े पर आने से अस्थिरता, दुर्घटना, भूकंप और तनाव की समस्या आ सकती है। इसको बचने के लिए नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना के साथ क्षमा प्रार्थना करें। इससे मां दुर्गा की कृपा बनी रहेगी। आगे बताते चलें कि मां दुर्गा की कलश स्थापना के साथ ही चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो जाएगा।
भक्तों में उत्साह

विगत वर्षों की भांति इस बार कोरोना का प्रकोप नहीं है। इसको लेकर भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है। कोरोना की वजह से लोग घर में ही पूजा-पाठ कर मनाते थे। लेकिन इस बार सामूहिक रूप से मनाई जा सकेगी। मां दुर्गा की आराधना नौं दिन की जाएगी, जिसमें पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होगी।
जाने किस दिन कौन पूजा

यूं तो वर्ष में चार नवरात्रि आती है, लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व होता है। चैत्र नवरात्र चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। लोग अपने-अपने घरों में कलश स्थापना कर मां दुर्गा की आराधना करेंगे। बता दें चैत्र नवरात्र 02 अप्रैल से 11 अप्रैल तक हैं। जिसमें 07 अप्रैल को विल्व निमंत्रण और गज पूजन, 08 अप्रैल को निशा पूजा, 09 अप्रैल को महाअष्टमी, 10 अप्रैल को त्रिशूल की पूजा और 11 अप्रैल को विजयादशमी, अपराजिता पूजन, जयंती धारण और नीलकंठ दर्शन होगा।